पिता को पत्र #लेखनी लेखमंथ प्रतियोगिता-30-Jun-2022
मेरे प्यारे पापा,
सादर प्रणाम,
आपको पत्र लिखना एक आदत ऐसी बन गई,जो छूटती नहीं। आपके इस दुनिया को छोड़ कर गए साढ़े बारह साल हो गए। आप जहाँ भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं, इस का मुझे हर पल एहसास होता है।बाप बेटी का रिश्ता होता ही खास है।एक प्रश्न जो आप हमेशा पूछते थे, तूं किसकी बेटी है पापा की या मम्मी की।जिसका जवाब मुझे कुछ नहीं सूझता था पर आज चीख चीख कर कहने का दिल करता है ,पापा मैं आपकी बेटी हूँ। मम्मी,भईया,दीदी और अपने दोस्तों की शिकायतें लेकर हमेशा आपके पास आती थी,आज फिर से इस रंग बदलते रिश्तों से शिकायत है। क्यों मम्मी और भाई इस तरह बदल गए।
आपका वो मकान भाई ने बेच दिया, आपने उसे मम्मी के नाम जो किया था तो भाई को लगा हम दोनों बहनें उस घर में अपना हिस्सा मांगेंगी।ना रहेगा बाँस ना बजेगी बांँसुरी कहावत को चरितार्थ कर दिया भाई ने।पता नहीं उन्होंने ऐसा सोच भी कैसे लिया।
भाई संपत्ति के लिए इतना गिर सकता हैं,कभी कल्पना भी नहीं की थी जिस तरह अपने बेटे,बहु, भाँजे, बहन और जीजा के साथ छल कपट मार पीट की। मुझे यह सारी बातें फोन पर पता चलती रहती हैं।
मांँ का ज्यादातर समय अब कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने में ही बीतता है। उन्हें भाई ने हमारे खिलाफ भड़का दिया है कि आपकी बेटियों ने केस कर दिया है। पता नहीं माँ कैसे विश्वास कर रहीँ है इन बातों पर।
आप होते तो यह सब ना होता, रिश्ते इस तरह तार तार ना होते।
आपकी बहुत याद आती है पापा,वो घर आपका पलंग,आपकी किताबों की अलमारी,आपका रेडियो सब बहुत याद आता है।
आपने जो संपत्ति मुझे और दीदी को दी है उसे कोई नहीं छीन सकता। मैंने भी साहित्य की दुनिया में प्रवेश कर लिया है। कुछ दिन पहले पिता दिवस पर कुछ दोहे लिखे। उनमें से एक सुनाती हूं... सुन रहें हैं ना पापा..
पापा तुमको खोजते,नजर हुई कमजोर।
छुपकर बैठे हो कहाँ, मुझ को दो झकझोर।।
रोज ही याद सताती।
मुझे है खूब रुलाती।।
आपकी छोटी बेटी कविता
#लेखनी
##लेखनी लेख मंथ प्रतियोगिता
30.06.2022
Abhinav ji
04-Jul-2022 07:51 AM
Nice 👍👍
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shweta soni
02-Jul-2022 11:06 AM
मार्मिक 👌👌👌
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Seema Priyadarshini sahay
01-Jul-2022 09:25 AM
😢
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